केदारनाथ मंदिर, भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित, हिमालय की गोद में बसा एक पवित्र तीर्थस्थल है। यह मंदिर हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्योंकि इसे भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। इसकी गहराई और आध्यात्मिकता में छिपे कई रहस्य हैं जो इसे और भी विशेष बनाते हैं।
रहस्य 1: पांच नदियों का संगम और तीन पहाड़
केदारनाथ न केवल तीन प्राचीन पहाड़ों से घिरा है बल्कि यहां पांच पवित्र नदियों का संगम भी होता है। इस विशेषता के कारण, इस स्थल की पवित्रता और भी अधिक मानी जाती है। मंदाकिनी नदी, जो अभी भी मौजूद है, इस संगम का एक मुख्य भाग है और केदारेश्वर धाम के निकट बहती है।
रहस्य 2: विशालकाय संरचना और इंटरलॉकिंग तकनीक
मंदिर की विशालकाय संरचना, जिसमें 6 फुट ऊंचा चबूतरा, 85 फुट ऊंची दीवारें, और 12 फुट मोटी दीवारें शामिल हैं, एक आश्चर्य है। इतने भारी पत्थरों को इतनी ऊंचाई पर लाकर तराशना और इंटरलॉकिंग टेक्निक का उपयोग करना, इसके निर्माण की अद्भुत कला को दर्शाता है।
रहस्य 3: दीपावली महापर्व और अनवरत जलता दीपक
दीपावली के दूसरे दिन शीत ऋतु में मंदिर का द्वार बंद कर दिया जाता है और एक दीपक अनवरत रूप से 6 महीने तक जलता रहता है। यह परंपरा केदारनाथ मंदिर के अद्भुत रहस्यों में से एक है। जब 6 महीने बाद मंदिर के कपाट फिर से खोले जाते हैं, तो दीपक अभी भी जल रहा होता है, जो भक्तों और यात्रियों के लिए आश्चर्य का विषय होता है। इस घटना को भगवान शिव की दिव्य शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
ज्योतिर्लिंग को जागृत शिव क्यों कहा जाता है?
केदारनाथ मंदिर में स्थित ज्योतिर्लिंग को 'जागृत शिव' कहा जाता है क्योंकि यह माना जाता है कि यहाँ भगवान शिव स्वयं अपनी दिव्य ज्योति के रूप में निवास करते हैं। इस लिंग में स्वयं शिव की ज्योति विद्यमान होने के कारण, भक्तों का विश्वास है कि यहाँ की पूजा और दर्शन से उन्हें सीधा शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनके समस्त पाप धुल जाते हैं।