केदारनाथ मंदिर, हिन्दू धर्म के चार धामों में से एक है और बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहां की यात्रा श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुभव होती है। ओर ज्यादातर लोग पैदल यात्रा करके ही केदारनाथ धाम के दर्शन करने आते है। ओर अगर आप 18 किलोमीटर की पैदल यात्रा करके आते ही तो तभी आपको मोक्ष की प्राप्ति होती है।
केदारनाथ पैदल यात्रा ट्रेक की लंबाई
केदारनाथ ट्रेक की लंबाई लगभग 18 किलोमीटर की है। यह ट्रेक गौरीकुंड से शुरू होकर केदारनाथ मंदिर तक जाता है। ओर इस पैदल यात्रा को तय करने में लगभग 5 से 8 घंटे का समय लग जाता है। केदारनाथ यात्रा में 18 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है?
केदारनाथ में घोड़े (खच्चर) का किराया कितना है?
केदारनाथ में घोड़े खच्चर का रेट अलग अलग है, यह दूरी के हिसाब से होता ही, 18 किलोमीटर के पैदल ट्रैक मे बीच-बीच में कई रुकने के स्थान बने है, आप इन स्थान को घोड़े खच्चर का स्टॉप भी कह सकते है, तो सोनप्रयाग से बेस कैंप (यह एक स्टॉप है ) तक जाने के लिए यात्रियों को लगभग ₹3500 रुपए का भुगतान करना रहता था, जबकि सोनप्रयाग से लिनचोली (यह एक स्टॉप है ) जाने के लिए यात्रियों को ₹3000 सोनप्रयाग से भीम बली (यह एक स्टॉप है ) के लिए 2000 रुपये निर्धारित किए गए था। ओर यह कीमत बदलती रहती है भीड़ के हिसाब से। इस कीमत को आप अनुमान के तोर पर ले।
रात में केदारनाथ की पैदल यात्रा | रात में केदारनाथ पर चढ़ सकता हूं?
गौरीकुंड से केदारनाथ तक पैदल यात्रा सुबह 4:00 बजे से सुरू हो जाती है। ओर अंतिम समय दोपहर 1:30 बजे के बाद किसी भी तीर्थयात्री को ट्रेक करने की अनुमति नहीं दी जाती। साथ ही केदारनाथ दर्शन करके आने वाले तीर्थयात्रियों को शाम 05:00 बजे से पहले ट्रेक पूरा करना होगा। क्योंकि केदारनाथ धाम वन्यजीव अभयारण्य के अंदर स्थित है और तीर्थयात्रियों को इस समय सीमा के बाहर यात्रा करने की अनुमति नहीं है, यह फैसला तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए लिया गया है। तो समय से अपने यात्रा करें।
ट्रेक की विशेषताएं
- शुरुआत का बिंदु: गौरीकुंड (1982 मीटर)
- समाप्ति का बिंदु: केदारनाथ मंदिर (3584 मीटर)
- समय: इस ट्रेक को पूरा करने में सामान्यतः 5-8 घंटे लगते हैं, यह आपके फिटनेस स्तर और मौसम पर निर्भर करता है।
- रास्ता: पत्थरों से बने रास्ते हैं। रास्ते में खाने-पीने के छोटे-छोटे स्टॉल और विश्राम के लिए शेड्स भी मिलते हैं।
- दृश्य: रास्ते में आपको खूबसूरत पर्वतीय दृश्य, बर्फीली चोटियां, नदियां और हरियाली देखने को मिलेगी।
केदारनाथ पैदल यात्रा की महत्वपूर्ण जानकारी
मौसम:
अप्रैल से नवंबर का समय ट्रेक के लिए सबसे उपयुक्त होता है। इस समय मौसम साफ और सुहावना रहता है।
मानसून के दौरान ट्रेक करने से बचना चाहिए क्योंकि रास्ते में फिसलन और लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ जाता है।
सामान:
- आरामदायक और मजबूत ट्रेकिंग जूते
- हल्के और गर्म कपड़े
- रेनकोट या छाता
- पानी की बोतल और कुछ स्नैक्स
- जरूरी दवाई
- स्वास्थ्य और सुरक्षा:
ट्रेक पर निकलने से पहले अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। यदि आपको ऊंचाई का डर या अन्य कोई स्वास्थ्य समस्या है तो डॉक्टर से सलाह लें। ट्रेक के दौरान अपनी गति संतुलित रखें और नियमित अंतराल पर विश्राम करें।
बिना पैदल चले केदारनाथ यात्रा
अगर आप पैदल नहीं चल सकते है तो गौरीकुंड से ही डंडी (पालकी) या खच्चर या हेलिकॉप्टर की सेवा भी ली जा सकती है।