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चारधाम यात्रा: उत्तराखंड के पवित्र तीर्थों की यात्रा

चारधाम यात्रा: उत्तराखंड के पवित्र तीर्थों की यात्रा

उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित चारधाम यात्रा हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस यात्रा में चार प्रमुख तीर्थ स्थल शामिल हैं: यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक शांति का अनुभव भी कराती है।

चारधाम के प्रमुख तीर्थ स्थल:

यमुनोत्री (Yamunotri):

यमुनोत्री (Yamunotri) उत्तरकाशी जिले में, जो समुद्र तल से लगभग 3,293 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।​

विशेषता: यहाँ देवी यमुना का मंदिर स्थित है, जिसे यमुनोत्री मंदिर कहा जाता है। यह यमुना नदी का उद्गम स्थल भी है, जो हिंदू धर्म में पवित्र मानी जाती है।

गंगोत्री (Gangotri):

गंगोत्री (Gangotri) उत्तरकाशी जिले में, समुद्र तल से लगभग 3,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।​

विशेषता: यहाँ देवी गंगा का मंदिर स्थित है, जिसे गंगोत्री मंदिर कहा जाता है। गंगा नदी का उद्गम स्थल गोमुख ग्लेशियर है, जो गंगोत्री से लगभग 19 किमी दूर है।

केदारनाथ (Kedarnath):

केदारनाथ (Kedarnath) रुद्रप्रयाग जिले में, समुद्र तल से लगभग 3,583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।​

विशेषता: यह भगवान शिव को समर्पित बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। केदारनाथ मंदिर तक पहुँचने के लिए गौरीकुंड से लगभग 18 किमी की पैदल यात्रा करनी पड़ती है। ​

बद्रीनाथ (Badrinath):

बद्रीनाथ (Badrinath) चमोली जिले में, समुद्र तल से लगभग 3,415 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।​

विशेषता: यह भगवान विष्णु के बद्री नारायण रूप को समर्पित है। बद्रीनाथ मंदिर चारधाम (भारत के चार प्रमुख धाम) में से एक है। 

चारधाम यात्रा का मार्ग और दूरी:

चारधाम यात्रा का परंपरागत क्रम यमुनोत्री से प्रारंभ होकर गंगोत्री, केदारनाथ, और अंत में बद्रीनाथ पर समाप्त होता है। यात्रा का मार्ग और दूरी निम्नानुसार है:​

हरिद्वार से यमुनोत्रीलगभग 220 किमी सड़क मार्ग और 6 किमी पैदल यात्रा।​
यमुनोत्री से गंगोत्रीलगभग 230 किमी सड़क मार्ग।​
गंगोत्री से केदारनाथलगभग 380 किमी सड़क मार्ग और 18 किमी पैदल यात्रा।​
केदारनाथ से बद्रीनाथलगभग 230 किमी सड़क मार्ग।​

पूरी यात्रा में लगभग 1,607 किमी की दूरी तय करनी होती है।

यात्रा का धार्मिक महत्व:

हिंदू धर्म में माना जाता है कि चारधाम यात्रा करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह यात्रा आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रदान करती है।

यात्रा के लिए महत्वपूर्ण जानकारी:

सर्वोत्तम समयमई से अक्टूबर के बीच, जब मौसम अनुकूल होता है।​
स्वास्थ्य सुझावउच्च ऊंचाई पर यात्रा करने से पहले चिकित्सकीय परामर्श लें और आवश्यक दवाइयाँ साथ रखें।​
पंजीकरणयात्रा से पहले उत्तराखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण कराना आवश्यक है।

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